हरिद्वार।
बीते कुछ सालों से जिस बीएचईएल को निजी हाथों में देने की चर्चा चल रही है वही बीएचईएल एक बार फिर से भारतीय नौसेना के लिए ऐसा हथियार बनाने जा रहा है जिसके बाद पाकिस्तान हो या चीन की सीमा समुद्री सीमाओं से लगने वाले देश भारत की तरफ बुरी नजर से देखने से पहले सौ बार सोचेंगे बीएचईएल अत्याधुनिक एक ऐसी गन तैयार कर रहा है जो अब तक पूरे विश्व में कुछ ही देर इस्तेमाल करते हैं खास बात यह है कि जो देश इस गन का इस्तेमाल कर भी रहे हैं वह दूसरे अमेरिका इजरायल जैसे देशों से मंगवाते हैं लेकिन मेड इन इंडिया के तहत हरिद्वार बीएचएल को रक्षा मंत्रालय ने यह गन बनाने का जिम्मा सौंपा है और खास बात यह है कि तमाम फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद हरिद्वार बीएचईएल ने इस आर्डर को पूरा करने के लिए हामी भी भर दी है और बहुत जल्द भारतीय नौसेना के बेड़े में इन दोनों को शामिल कर दिया जाएगा
यूं तो बीएचईएल नौसेना को अपनी सेवाएं पिछले दो दशक से लगातार दे रहा है और देश की सेनाओं को सुदृढ़ करने का काम कर रहा है इसी क्रम में भेल को भारतीय नौसेना के लिए दो गन का निर्माण करने के आर्डर प्राप्त हुए हैं तो वही 7 अन्य के जल्द ही आर्डर प्राप्त होने की संभावना है। बीएचईएल मेक इन इंडिया के तहत इस ऑडर को पूरा कर रहा है भेल बीते दो दशकों से भारतीय नौसेना के लिए सुपर रैपिड गन माउंटेन 76/62 (एसआरजीएर्) का निर्माण कर रहा है हल्की और सर्वो कंट्रोल्ड गन एयर डिफेंस और एंटी सरफेस भूमिका में बेहतर प्रदर्शन के साथ रैपिड फायर भी करेगी बीएचएल के पावर एचआर अनिल कपूर कहते हैं कि इस गन के नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना की शक्ति कई गुना और बढ़ जाएगी इतना ही नहीं अगर कोई दुश्मन भारतीय नौसेना की तरफ आंख उठाकर भी देखेगा तो भारतीय नौसेना इस गन से उसे ऐसा जवाब दे सकती है कि शायद ही फिर कोई देश या दुश्मन हमारी तरफ आंख उठाकर देखने का प्रयास भी करे कपूर की माने तो लगातार समुंद्री सेना को और शक्तिशाली बनने के लिए भारत सरकार अपनी और से प्रयास कर रही है
अनिल कपूर कहते है कि सुपर रैपिड गन माउंटेन की क्षमता को और बढ़ाते हुए लगभग दोगुना किया जा रहा है जिसके लिए बी एच ई एल द्वारा इटली की कंपनी के साथ समझौता भी किया गया है। पॉवर एचआर अनिल कपूर ने बताया कि भेल द्वारा निर्मित 47 गन नौसेना द्वारा उपयोग में लाई जा रही है तो वही उन्हें नौसेना द्वारा दो गन का ऑडर प्राप्त हुआ है 7 गन का ओर अलग किस्म की बननी है उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि भेल को जल्द ही 55 गन का ऑडर मिलेगा। उन्होंने बताया कि भेल द्वारा नवनिर्मित यह गन मारक क्षमता और क्वालिटी में और बेहतर होंगी जिनकी दूर तक मारक क्षमता बेहतर होगी। उन्होंने बताया कि वे नौसेना के लिए वर्ल्ड क्वालिटी का प्रोडक्ट बना रहे हैं। वही ऊर्जा के क्षेत्र में भी भेल लगातार कार्य करता रहा है 70 मेगा वाट के 6 सेट का ऑर्डर अभी प्राप्त हुआ है साथ ही हाइड्रोपावर के क्षेत्र में कार्य आगे बढ़ कर रहा है इन सब कामों के साथ-साथ बीएचईएल द्वारा मेक इन इंडिया ग्रुप बनाया जाए जिसके तहत भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
वही हरिद्वार भेल के महाप्रबंधक संजय गुलाटी की माने तो भी लंबे समय से नौसेना के लिए इस गन को बनाने का काम कर रहा है लेकिन जैसे ही इस गन को और मॉडिफाई करने के लिए हमें ऑर्डर मिला तो हमें इस बात का गर्व हुआ कि हरिद्वार बीएचएल को भारतीय नौसेना के लिए इस तरह के हथियार बनाने के लिए चुना गया है जिसके बाद हमारे तमाम इंजीनियर अब इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लग गए हैं उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट में काम करने वाला 1-1 इंजीनियर बड़े गर्व के साथ अपने काम को अंजाम दे रहा है
आपको बता दें कि नौसेना के अलावा हाइड्रो पावर सेक्टर ने भी हरिद्वार बीएचएल को न्यूक्लियर टरबाइन बनाने का ऑर्डर दिया है जिसका काम जोरों शोरों पर हरिद्वार बीएचएल में चल रहा है अनिल कपूर ने बताया कि कोरोना काल में भेल द्वारा अपना कर्तव्य का निर्वहन पूरी तरह से किया गया जिसके तहत उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, भोपाल, एनसीआर अन्य कई राज्यों में बीएचपीएल द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई किए गए। उन्होंने बताया कि भेल अपने यहां पांच और दस किलो के ऑक्सीजन प्लांट बनाने जा रहा है जिससे किसी को ऑक्सीजन की कमी महसूस नहीं होगी।
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