मूलरूप से असम के रहने वाले सुरजीत दास (40) आईआईटी कानपुर में सहायक कुलसचिव के पद पर कार्यरत थे। आईआईटी में आवासीय परिसर में मकान में वह पत्नी बुलबुल दास और दो बेटों शोभित (6) और डेढ़ वर्षीय सुनियोजित के साथ रहते थे। पुलिस के मुताबिक बड़ा बेटा शोभित पिछले माह कोरोना पॉजिटिव हो गया था,जिसे लेकर सुरजीत डिप्रेशन का शिकार हो गए। बेटे के ठीक होने के बाद मानसिक अवसाद के चलते सुरजीत का इलाज दिल्ली में चल रहा था। उपचार से फायदा न मिलने पर सुरजीत कानपुर के होम्योपैथिक डॉक्टर से इलाज करा रहे थे। सुरजीत लगातार डिप्रेशन में थे और दवाओं का फायदा नहीं मिल रहा था।
सोमवार की रात परिवार के साथ खाना खाने के बाद वह कमरे में सोने चले गए। देर रात वह फिर बाहर आए और डाइनिंग टेबल पर खड़े होकर रस्सी के सहारे पंखे से फांसी लगा ली। मंगलवार सुबह नींद से जागी पत्नी बुलबुल पति काे फंदे पर लटकता देख अवाक रह गई। उनकी चीख पुकार सुनकर पड़ोसियों को घटना की जानकारी हुई और आईआईटी सिक्योरिटी को बुलाया। फांसी के फंदे से उन्हें उतारकर तुरंत अस्पताल ले गए,जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया। कल्याणपुर थाने के इंस्पेक्टर वीर सिंह ने बताया कि आई आईटी परिसर में घटना हुई है,परिवार से बात करने पर सुरजीत के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। अन्य बिंदुओं को लेकर भी परिवार से दोबारा पूछताछ की जाएगी। कल्याणपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है,कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। आत्महत्या के कारणों को लेकर परिवार से पूछताछ की जाएगी
कानपुर। आईआईटी कानपुर में सहायक कुलसचिव ने आवासीय परिसर स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बेटे के कोरोना पाॅजिटिव होने और दवाओं से फायदा न मिलने से वह डिप्रेशन में थे। सुबह घटना की जानकारी होने पर पत्नी व परिवार सहम गया। पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू की है और परिवार से भी पूछताछ कर रही है।
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