हरिद्वार। मन चंगा तो कठौती में गंगा, की जगत को शिक्षा देने वाले संत गुरु रविदास जी की 645वीं जयंती पर बृहस्पतिवार को धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गयी।
इस अवसर पर गुरु रविदास के मंदिरों को सजाकर पूजापाठ की गयी है। शबद कीर्तन कर रागी जत्थों ने संगत को निहाल किया। लंगर लगाए गए, जिसमें बड़ी संख्या में संगत ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्तों ने भजन कीर्तन कर गुरु की महिमा का गुणगान किया।
ज्वालापुर मौहल्ला कडच्छ द्वारा शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जिससे नगर का माहौल भक्तिमय हो गया। समाज सेवियों का कहना है कि संत रविदास ने जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात-पात के अन्त के लिए काम किया।
शोभायात्रा का शुभारंभ कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा फीता काट कर किया। ज्वालापुर फाटक रविदास आश्रम से हुआ। जो कि शास्त्रीनगर, अम्बेडकर नगर, कैतवाडा, कटहरा बाजार, रेलवे चौकी ज्वालापुर से होते हुए रेलवे फाटक पर सम्पन्न हुई।
इस दौरान संत रविदास, बाबा साहेब अंबेडकर, रविदास जन्म की झांकी, शिव पार्वती समेत 40 झांकियां मौजूद रहीं।
इस दौरान संत रविदास, बाबा साहेब अंबेडकर, रविदास जन्म की झांकी, शिव पार्वती, मीराबाई, भारतमाता, समेत 40 झांकियां मौजूद रही। सभी भक्त
ढोल पर नाचते हुए चल रहे थे। संगत ने सड़कों की सफाई कर सेवा का संदेश दिया। इस दौरान निकाली गई झांकी का जगह.जगह फूलों की वर्षा के साथ स्वागत किया गया।
शोभायात्रा में झाकियों द्वारा आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को आत्मज्ञान, एकता, भाईचारा का संदेश देते हुए दिखायी गयी। और जगह-जगह पर हलवा, प्रसाद का वितरण किया गया। जुलूस में अनेक स्थानों पर अन्य समाजसेवी उपस्थित रहे।
शोभायात्रा को सम्पन्न कराने में समिति के अध्यक्ष-श्री कृष्ण कुमार दाबडे, संरक्षकगण- बलराम राठौर, कुलभूषण सिंह, प्रवीन कुमार, प्रदीप नौटियाल, विजयपाल ढोलके, संजय शक्ति, सुशील कुमार मौर्य, प्रेम सिंह नागयान, मंजीत नौटियाल, दीपक राठौर, उपाध्यक्ष-राजेश पहलवान, बलराज दाबडे, रोहित नागयान, मुकेश नौटियाल एवं बंटी, कोषाध्यक्ष-देशराज राठौर, सुदेश कुमार, महामंत्री-नारायण, गौरव कुमार, सचिव-सूरज मौर्य, सुनील कुमार, रोहित नौटियाल, अमन बरालिये, दीपक बरालिये, अनुज कुमार, रजनीश कुमार टीका, सोनू दाबडे, सुभाष दाबडे, संगठन मंत्री-टेकचन्द दाबडे, संजय, वंश (सरदार), नवीन ढोलके, डायरेक्टर-रमन राठौर, स्टोर कीपर-मांगे राम/पुनित, सुरक्षा मंत्री-ब्रहपाल सिंह, कन्हैया नागयान, दीपक ढोलवाल, राम कुमार दाबडे, मांगे राम बरालिये कुलदीप कुमार, आशु (डीजे), झांकी निर्माता-ललित कुमार मौर्य, बलराम, साज-सज्जा-राजेन्द्र लाम्बा, राजेंद्र पटेल, योगेन्द्र पालरवि, रोबिन लाम्बा, रक्षक लाम्बा, रोमी लाम्बा आदि ने बढ़-चढ़कर सहभागिता रही।
संत शिरोमणि गुरू रविदास समिति कडच्छ के संस्थापक- स्व0 श्री जसवंत सिंह नौटियाल (आई.ए.एस) थे।
शोभायात्रा के लिए प्रशासन से अनुमति के बाद प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कडे प्रबंध किए गए थे। साथ ही शोभायात्रा के सकुशल सम्पन्न होने पर प्रशासन ने भी चैन की सांस ली।
संत रविदास जी एक दार्शनिक भी थे। उन्होंने लोगों को भक्ति मार्ग पर चलकर लोगों को ईश्वर को प्राप्त करने की सीख दी। उनकी रचना में प्रभु के प्रति प्यार दिखता है। आज भी उनके वचनए दोहे और रचनाएं प्रेरणादायक हैं। खासकर युवाओं को जीने की सीख देते हैं। आइए, संत रविदास जी के अनमोल वचन और दोहे को जानते हैं.
1. रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच,
नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच
.कोई भी व्यक्ति जन्म के कारण नीच या छोटा नहीं होता है। व्यक्ति के कर्म उसे नीच बनाते हैं। अत सदैव कर्मों पर ध्यान दें। कर्म सदैव ऊंचें होने चाहिए।
2.जिस तरह से तेज हवा के चलते सागर में बड़ी लहरें उठती हैं और फिर से सागर में ही समा जाती हैं। सागर से अलग उनका कोई अस्तित्व नहीं होता है। इसी तरह से परमात्मा के बिना मानव का भी कोई अस्तित्व नहीं है।
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