(व्यंग) कुछ के लिए ‘पहले’ का अर्थ कुछ दिन तो कुछ के लिए और चार दिन हैं। चुपचाप जीवन जीने...
एक नजर
कवियत्री में कविता कहती है कि चुनाव खत्म हो चुका है। अब मानवता की पुकार सुनों। देश में लोग तड़प...
*🌹आशा ही जीवन है🌹* *जीवन की परिभाषा आशा* *जीवन का पर्याय है आशा।* *कदापि न मानव त्याग आशा* *जीवन...
व्यंग आज देश के कई लाख लोगों के एक साथ एक आवाज़ में पूछा, आप कुछ ख्याल नहीं रख रहे...