दिल्ली।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया तो बात और बिगड़ भी सकती है और पंजाब में नए राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिल सकते हैं।
आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब से लेकर राजधानी दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवादो को सुलझाने की अब तक सारे प्रयास कारगर सिद्ध होते नहीं नजर आ रहे। एक बार फिर से पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमत्री अमरिंदर सिंह के साथ लंबी मंत्रणा की गई। हालांकि पंजाब में कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम अमरिंदर सिंह बार-बार दिल्ली बुलाकर कमेटी के सामने पेश होने को कहे जाने से खासे नाराज हैं। हालांकि वो अभी भी पार्टी अनुशासन में रहते हुए ऐसा कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया तो बात और बिगड़ भी सकती है और पंजाब में नए राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिल सकते हैं। एक निजी चैनल के मुताबिक अमरिंदर सिंह अपनी अलग पार्टी भी बना सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि कैप्टन नवजोत सिंह सिदधू के मीडिया को दिए बयानों से काफी आहत हैं।
बता दें कि आज सीएम अमरिंदर कमेटी के सामने पेश हुए। जिसके बाद पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कमेटी के सामने आए और उन्होंने जो जानकारी दी उनका सीधा संबंध समाज के कमजोर तबकों से है। उन्होंने बिजली में रियायत देने की बात कही है, वर्षों से अस्थाई लोगों को नियमित करने की बात कही है।
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